
हिन्दूधर्म (Hindu Religion) में भगवान गणेश के जन्मदिन के उत्सव को गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) के रूप में जाना जाता है। इस दिन भगवान गणेश को बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता के रूप में पूजा जाता है। गणेश चतुर्थी भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस बार गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) का उत्सव शुक्रवार, 10 सितंबर को मनाया जाएगा। जिसके 10 दिन के बाद अनंत चतुर्दशी के दिन महोत्सव का समापन हो जाएगा। यह दिन गणेश विसर्जन के नाम से जाना जाता है।


यह मंत्र उच्चारित करें:
ऊँ वक्रतुण्ड़ महाकाय सूर्य कोटि समप्रभः
निर्विघ्नं कुरू मे देव, सर्व कार्येषु सर्वदा
गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2021) पूजन का शुभ मुहर्त दोपहर 12:17 बजे शुरू होकर और रात 10 बजे तक रहेगा।
मध्याह्न गणेश पूजा मुहूर्त- प्रातः 11:03 से दोपहर 01:32 बजे तक
चतुर्थी तिथि शुरू- 10 सितंबर 2021, को दोपहर 12:18 बजे
चतुर्थी तिथि समाप्त- 10 सितंबर 2021, को रात 09:57 बजे
क्यों मनाई जाती है गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) :-
भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) मनाई जाती है। कहा जाता है कि एक बार भगवान शिव ने गुस्से में अपने पुत्र गणेश का सर काट दिया था। लेकिन फिर एक हाथी के बच्चे का सर उनके धड़ से जोड़ दिया गया । इस तरह से गणेश भगवान ने अपना जीवन दोबारा पाया। इस दिन को ही गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है।
यद्यपि उनके जन्म से जुड़ी विभिन्न कहानियां हैं। भगवान शिव की अनुपस्थिति में, देवी पार्वती ने अपने चंदन के पेस्ट का उपयोग गणेश को बनाने के लिए किया और उसे स्नान करने के लिए रख दिया। जब वह चला गया था, तब भगवान शिव ने गणेश के साथ युद्ध किया और उसे अपनी माँ के आदेशों के अनुसार प्रवेश नहीं करने दिया। क्रोधित होकर भगवान शिव ने गणेश का सिर काट दिया। जब पार्वती ने यह दृश्य देखा, तो उन्होंने देवी काली का रूप धारण कर लिया और दुनिया को नष्ट करने की धमकी दी।
इसने सभी को चिंतित कर दिया और उन्होंने भगवान शिव से एक उपाय खोजने और देवी काली के क्रोध को शांत करने का अनुरोध किया। शिव ने तब अपने सभी अनुयायियों को तुरंत एक बच्चे को खोजने का आदेश दिया। अनुयायियों द्वारा देखा गया पहला बच्चा एक हाथी था। उन्होंने उसके सिर को काटने का आदेश दिया और कटा सिर भगवान शिव (Lord Shiva) के पास लाया। भगवान शिव ने हाथी के सिर को तुरंत गणेश के शरीर पर रखा और इसे फिर से जीवन में ले आए। माँ काली का क्रोध शांत हो गया और देवी पार्वती एक बार फिर अभिभूत हो गईं।आज का दिन उसी कारण से मनाया जाता है। सभी भगवान गणेश को आशीर्वाद देते हैं ।
गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) महाराष्ट्र में मनाया जानें वाला सबसे बड़ा त्यौहार:
गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) का त्यौहार देश के विभिन्न राज्यों में मनाया जाता है लेकिन मुख्य रूप से महाराष्ट्र (Maharashtra) में मनाया जानें वाला सबसे बड़ा त्यौहार (Festival) है। चतुर्थी के दिन घर और मंदिर में गणेश मूर्ति स्थापना से शुरू होता है। लोग अपने घरों में गणेश जी मूर्ति बड़ी धूमधाम से ढोल-नगाड़े बजाकर लेकर आते हैं। गणेश चतुर्थी से कुछ दिनों पहले ही बाजारों में रोनक शुरू हो जाती और मिट्टी से बनीं गणेश जी की अलग-अलग तरह की प्रतिमाएँ मिलती है।
सभी लोग गणेश चतुर्थी से लेकर अगले 10 दिन तक अपने घरों और मंदिरों में गणेश भगवान की पूजा और अराधना करते हैं, गीत गाते हैं, नाच गाना करते हैं, मंत्रोच्चारण करते हैं, आरती करते और गणेश जी को मोदक का प्रसाद चढ़ाते हैं। इन दिनों में मंदिरों में खूब साज-सजावट की जाती। कोई भी नया काम शुरू करने से पहले गणेश भगवान को सबसे पहले याद किया जाता है। गणेश भगवान बच्चों के सबसे प्रिय भगवान हैं। बच्चे उन्हें प्यार से गणेशा बुलाते हैं। बॉलीवुड के सितारे भी गणेश महोत्सव को बड़े धूमधाम के साथ मनाते हैं।