Ram Navami 2024: राम नवमी तिथि और शुभ मुहूर्त, भगवान राम की कृपा पाने के लिए करें ये काम !

Ram Navami 2024: राम नवमी तिथि और शुभ मुहूर्त, भगवान राम की कृपा पाने के लिए करें ये काम !
Ram Navami 2024: राम नवमी तिथि और शुभ मुहूर्त, भगवान राम की कृपा पाने के लिए करें ये काम !

Ram Navami 2024: वाल्मीकि रामायण के अनुसार, भगवान राम का जन्म चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि (Ram Navami) के दिन कर्क लग्न में अभिजीत मुहूर्त में हुआ था। भगवान राम (Lord Rama) के जन्मदिन को राम नवमी (Ram Navami) के रूप में हर वर्ष भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया के कई हिस्सों में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। राम नवमी वैसे तो पूरे भारत में मनाई जाती है लेकिन अयोध्या राम जन्मभूमि मंदिर में श्रीराम के जन्मोत्सव (Shri Ram Janmotsav) की खास धूम होती है, पूरा वातावरण राममयी हो जाता है।

रामनवमी (Ram Navami) का पर्व चैत्र मास की नवरात्रि के आखिरी दिन होता है। नौ दिनों तक नवरात्रि (Navratri) पर शक्ति की उपासना की जाती है फिर नवरात्रि के नौवें दिन धूम-धाम के साथ मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु राम का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस बार नवरात्रि का आरंभ 9 अप्रैल से हो रहा है। जब भगवान राम का जन्म हुआ था तो उस समय सूर्य, मंगल, गुरु, शुक्र और शनि अपनी-अपनी उच्च राशि में मौजूद थे। हिंदू पंचांग की गणना के मुताबिक इस वर्ष राम नवमी का पर्व 17 अप्रैल 2024, बुधवार को मनाया (Ram Navami 2024) जाएगा।  

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राम नवमी तिथि और शुभ मुहूर्त 2024 (Ram Navami Subh Muhurat):

हिंदू पंचांग (Hindu Panchang) के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 16 अप्रैल को दोपहर 01 बजकर 23 मिनट से आरंभ होगी और 17 अप्रैल 2024 को दोपहर 03 बजकर 15 मिनट पर खत्म हो जाएगी। उदया तिथि में राम नवमी (Ram Navami) का पर्व 17 अप्रैल को मनाया जाएगा । 17 अप्रैल को पूरे दिन रवि योग भी रहने वाला है। ऐसे में राम नवमी पर मध्याह्र पूजा का शुभ मुहूर्त 11 बजकर 10 मिनट से लेकर 01 बजकर 43 तक रहेगा। 

घर में ऐसे करें रामनवमी (Ram Navami) की पूजा :

इस दिन मंदिरों में राम जी के बाल रूप का भव्य अभिषेक और श्रृंगार होता है और घरों में राम जी के जन्मोत्सव पर राम भजन गाए जाते हैं। रामायण (Ramayan) का पाठ और राम रक्षा स्तोत्र का पाठ भी करना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती है। इस दिन भगवान राम के मंदिर में जाकर उन्हें पीले रंग के वस्त्र अर्पित करें। साथ ही पीले रंग के फूलों से बनी माला भी अर्पित करें। सभी को चंदन या रोली से तिलक करें। फिर उन्हें अक्षत, फूल, आदि पूजन सामग्री चढ़ाएं । भगवान राम की कृपा पाने के लिए घी का दीपक जलाकर राम रक्षा स्त्रोत, श्रीराम चालीसा और रामायण की चौपाइयों का पाठ करें। आप चाहें तो इस दिन सुंदर कांड के पाठ या हनुमान चालीसा का पाठ भी कर सकते हैं।

(Disclaimer: इस स्टोरी (लेख) में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित हैं। यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। thenewsworld24.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।)

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