Dhanteras 2022: धनतेरस कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को मनाई जाती है। इस दिन चांदी, पीतल के बर्तन, सिक्के, आभूषण खरीदना शुभ माना जाता है। वही सांयकाल के समय घर के मुख्य दरवाजे पर यमराज के निर्मित दक्षिण मुखी करके दीपक तेल से भर के प्रज्वलित कर गंधक आदि से पूजन करके एक पात्र में अनाज रखकर उस पर दीपक प्रज्वलित करना चाहिए।
इस वर्ष 22 अक्टूबर शनिवार को शाम 6 बजकर 03 मिनट से त्रयोदशी लगकर प्रदोष काल में व्याप्त है जबकि अगले दिन रविवार को त्रयोदशी शाम 6 बजकर 04 मिनट तक ही रहेगी। रविवार को त्रयोदशी तिथि प्रदोष काल में बहुत कम समय के लिए व्याप्त हो रही है।
अतः राजस्थान, गुजरात में धनतेरस (Dhanteras) शनिवार 22 अक्टूबर को मनाना शास्त्र सम्मत रहेगा। किंतु भारत के पूर्वी भाग में स्थित राज्यों में सूर्यास्त का समय पहले होने के कारण 22 व 23 अक्टूबर को दोनों दिन प्रदोष काल में त्रयो दशमी तिथि समान रूप से व्याप्त रहेगी जिससे भारत के पूर्वी भाग स्थित राज्य उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, असम आदि में धनत्रयोदशी रविवार 23 अक्टूबर की मनाई जा सकती है।
धनतेरस (Dhanteras) में दक्षिण दिशा में दीपक जलाने का महत्व:
पौराणिक कथाओं के अनुसार, धनतेरस (Dhanteras) के दिन दक्षिण दिशा में दीपक जलाना शुभ होता है। कहते हैं कि एक दिन दूत ने यमराज से बातों ही बातों में प्रश्न किया कि क्या अकाल मृत्यु से बचने का कोई उपाय है? इस प्रश्न के उत्तर में यमराज में कहा कि व्यक्ति धनतेरस (Dhanteras) की शाम यम के नाम का दीपक दक्षिण दिशा में रखता है। उसकी अकाल मृत्यु नहीं होती है। इसी मान्यता के अनुसार, धनतेरस (Dhanteras) के दिन लोग दक्षिण दिशा की ओर दीपक जलाते हैं।
(Disclaimer: इस स्टोरी (लेख) में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित हैं। यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। thenewsworld24 .com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।)