
दीपावली (Diwali) का त्यौहार लक्ष्मी पूजा (Laxmi Puja) के लिए मनाया जाता है। इस दिन दीपक जलाए जाते हैं। दीपावली को रोशनी का त्योहार भी कहा जाता है। दीपावली (Deepawali) को हर्ष और उल्लास से यह त्यौहार (Festival) मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से लक्ष्मी जी की पूजा अर्चना (Worship) की जाती है।
शास्त्रों में यह बताया गया है कि इस दिन लक्ष्मी पूजा में किया गया उपाय और मंत्रों से किए गए अभिमंत्रित वस्तुएं पूरे वर्ष काम आती है। दीपावली (Diwali) के दिन घर में लक्ष्मी जी की विशेष कृपा बरसाने के लिए लक्ष्मी पोटली बनाई जाती है।


लक्ष्मी पोटली में क्या-क्या आता है? कैसे बनाए हैं?
लाल या पीला कपड़ा रेशमिया या वेलवेट का इतना सा लेना है कि उसमें नो कोडी, नो गोमती चक्र, नो इलायची, नो लोंग, नो कमलगट्टे, दो दाल चीनी, एक टुकड़ा भोजपत्र का लेना है। उस पर एक मंत्र लिखना है। यह मंत्र चंदन से लिखा जाएगा। साबुत, धनिया और एक चांदी का सिक्का जो मंत्र भोजपत्र पर लिखा जाएगा। वह इस प्रकार है:-
ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥
इस मन्त्र को लिखकर इन सभी वस्तुओं को इस वेलवेट या रेशमी पीले या लाल वस्त्र में पोटली की तरह बांधकर मौली से बांध दिया जाएगा और लक्ष्मी पूजा के दिन (दीपावली के दिन) (Diwali) रात्रि को पूजा में रखकर सुबह इसको घर की तिजोरी में रख सकते हैं जिससे पूरे वर्ष आपके पास धन-संपत्ति की कभी भी कमी नहीं आएगी, धन-धान्य से आपका परिवार और घर भरा रहेगा।

(Disclaimer: इस स्टोरी (लेख) में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित हैं। यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। thenewsworld24 .com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।)