![The News World 24 गुरुओं को समर्पित गुरु पूर्णिमा ( Guru Poornima) का महत्व, जाने कब है गुरु पूर्णिमा](https://thenewsworld24.com/wp-content/uploads/2021/07/WhatsApp-Image-2021-07-21-at-6.36.10-PM.jpeg)
गुरु का सभी धर्मों में सर्वोच्च स्थान माना गया है। गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) गुरुओं को समर्पित है। इस बार गुरु पूर्णिमा पर सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। इस दिन गुरुओं की विशेष पूजा से जीवन में सुख, समृद्धि बनी रहती है। गुरुओं की पूजा से ज्ञान में वृद्धि होती है तथा हर काम सफलता मिलती है। गुरु का स्थान देवी देवताओं से भी उच्च बताया गया है। हिंदू धर्म में गुरु पूर्णिमा तिथि (Guru Purnima Date)का विशेष महत्व बताया गया है।
गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) के दिन गुरु, इष्ट और आराध्य देवताओं की होती है पूजा
गुरु पूर्णिमा के दिन जातक अपनी अपनी श्रद्धानुसार अपने गुरु, इष्ट और आराध्य देवताओं की पूजा करते है और उनको दक्षिणा व भेंट चढ़ाकर आशीर्वाद प्राप्त करते है। इस दिन देशभर की पवित्र नदियों व कुण्डों में जातक स्नान और दान-दक्षिणा देते है। इस दिन मंदिरों में भी विशेष पूजा-अर्चना होती है और जगह-जगह पर भव्य मेलों, प्रसादी व भण्डारो का भी का आयोजन भी होता हैं।
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आषाढ़ पूर्णिमा या गुरु पूर्णिमा 2021 (Guru Purnima 2021) पर्व आज
गुरु पूर्णिमा आज 24 जुलाई (Guru Purnima 24 July) को मनाया जा रहा है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 23 जुलाई दिन शुक्रवार को दिन में 10 बजकर 43 मिनट से हो रहा है। इसका समापन 24 जुलाई को सुबह 08 बजकर 06 मिनट पर हो रहा है, ऐसे में इस वर्ष 24 जुलाई शनिवार को ही आषाढ़ पूर्णिमा या गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) पर्व मनाया जाएगा ।
गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है
कई पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, महाभारत और 18 पुराणों के रचयिता महान ऋषि वेद व्यास (Rishi Veda Vyasa) जी का जन्म आषाढ़ मास की गुरु पूर्णिमा (Purnima) के दिन ही हुआ था। यही कारण है कि गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) को व्यास पूर्णिमा (Vyasa Purnima) भी कहा जाता है। इस दिन लोग ऋषि वेद व्यास जी की पूजा के साथ ही अपने गुरु, इष्ट और आराध्य देवताओं की पूजा करते हुए, उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। ये पर्व एक परंपरा के रूप में गुरुकुल काल से ही मनाया जाता रहा है।