Sharad Poornima- 2021: शरद पूर्णिमा पर ऐसा करने से मिलेगा धन लाभ!, जाने कब है शरद पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त

शरद पूर्णिमा (Sharad Poornima 2021) की रात्रि में चंद्र देव अपनी 16 कलाओं से पूर्ण होकर अमृत वर्षा करते हैं।
शरद पूर्णिमा (Sharad Poornima 2021) की रात्रि में चंद्र देव अपनी 16 कलाओं से पूर्ण होकर अमृत वर्षा करते हैं।

आज शरद पूर्णिमा (Sharad Poornima) है। आज का दिन हिंदू संस्कृति में काफी महत्व वाला है। शरद पूर्णिमा (Sharad Poornima 2021) की रात्रि में चंद्र देव अपनी 16 कलाओं से पूर्ण होकर अमृत वर्षा करते हैं। इस दिन चंद्र देव अमृत वर्षा के रूप मे अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण होकर रोशनी से अमृत वर्षा करते हैं। इसलिए चंद्रमा की रोशनी (Moon Light) में इस दिन खीर रखी जाती है और उसे सुबह प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है।

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शरद पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर लें। घर के मंदिर को साफ करके माता लक्ष्मी और श्री हरि के पूजन की तैयारी कर लें। इसके लिए एक चौकी पर लाल या पीले रंग का वस्त्र बिछाएं। इस पर माता लक्ष्मी और विष्णु जी (Load Vishnu) की मूर्ति स्थापित करें। प्रतिमा के सामने घी का दीपक जलाएं, गंगाजल छिड़कें और अक्षत, रोली का तिलक लगाएं। भगवान को मिठाई से भोग लगाएं और पुष्प अर्पित करें।

शरद पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त (Sharad Poornima Shubh Muhurat) :

पूर्णिमा तिथि 19 अक्टूबर को शाम 07 बजे से प्रारंभ होगी, जो कि 20 अक्टूबर 2021 को रात 08 बजकर 20 मिनट पर समाप्त होगी। इस दिन पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 27 मिनट से चंद्रोदय के बाद रहेगा। (नोट : स्थानीय पंचांग के अनुसार चंद्रोदय का समय अलग-अलग होता है और तिथि मुहूर्त में भी घट-बढ़ होती है।)

शरद पूर्णिमा (Sharad Poornima) की रात में हनुमान जी के सामने चौमुखा दीपक जलाने से मिलेगा धनलाभ:purnima

स्नान व दान की पूर्णिमा (Purnima) शुक्रवार को मनाई जाएगी। सनातन धर्मावलंबी यमुना, गंगा व संगम के पावन जल में डुबकी लगाने के लिए दूर-दूर से प्रयागराज आते हैं। भगवान श्री सत्यनारायण व्रत का पूजन और दान, हवन आदि भी 31 अक्टूबर को किया जाएगा। पूर्णिमा की तिथि को दान, स्नान आदि को विशेष फलदायी बताया गया है। शरद पूर्णिमा (Sharad Poornima) की रात में हनुमान जी के सामने चौमुखा दीपक जलाने से धनलाभ होता है।

इस दिन खरीदारी करने का भी विशेष महत्व है। शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) पर सर्वार्थसिद्धि योग होने से इलेक्ट्रॉनिक सामान, ज्वेलरी, फर्नीचर, वाहन और सुख-सुविधा देने वाले अन्य सामानों की खरीदारी की जा सकती है।

शरद पूर्णिमा (Sharad Poornima) के दिन लक्ष्मी पूजन करने से मिलेगी कर्जों से मुक्ति:

माना जाता है कि शरद पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं, इसलिए शरद पूर्णिमा के दिन लक्ष्मी पूजन करने से सभी प्रकार के कर्जों से मुक्ति मिलती है। शरद पूर्णिमा (Sharad Poornima) में माता लक्ष्मी (Lakshmi) का पूजन किया जाता है। उनके आठ रूप हैं, जिनमें धनलक्ष्मी, धान्यलक्ष्मी, राज लक्ष्मी, वैभव लक्ष्मी, ऐश्वर्य लक्ष्मी, संतान लक्ष्मी, कमला लक्ष्मी एवं विजय लक्ष्मी (Goddess Laxmi) है। सच्चे मन से मां की अराधना करने वाले भक्तों की सारी मुरादें पूरी होती हैं।

शरद पूर्णिमा (Sharad Poornima) की खीर को चांदी के बर्तन में रखना ज्यादा उत्तम:

शरद पूर्णिमा (Sharad Poornima) की रात में चंद्रमा की रोशनी में खीर रखकर अगले दिन उसका सेवन करने का विधान है। खीर कम से कम 5 घंटे चंद्रमा की रोशनी में रखना चाहिए। इससे उसमें औषधीय गुण आ जाते हैं। खीर को खुले आसमान में ऊंचाई पर छलनी से ढक कर रखना चाहिए। अगले दिन भगवान लक्ष्मीनारायण को भोग लगाने के बाद प्रसाद स्वरूप ग्रहण करना चाहिए। जहां तक हो सके फिर गाय के दूध की बनाएं। शरद पूर्णिमा की खीर को चांदी के बर्तन में रखना ज्यादा उत्तम माना गया है।

शास्त्रों के अनुसार शरद पूर्णिमा (Sharad Poornima) की तिथि पर चंद्रमा पृथ्वी के सबसे नजदीक रहते है। इस रात चंद्रमा की किरणों में औषधीय गुण की मात्रा सबसे अधिक होती है, जो मनुष्य को सभी प्रकार की बीमारियों से छुटकारा पाने में मदद होती है। चंद्रमा की किरणों में औषधीय गुण होने के कारण शरद पूर्णिमा की रात को खीर बनाकर उसे खुले आसमान के नीचे रखा जाता है। रात भर खीर में चंद्रमा की किरणें पड़ने के कारण खीर में चंद्रमा की औषधीय गुण आ जाते हैं।

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