धनतेरस (Dhanteras) का पर्व दिवाली (Diwali) से एक या दो दिन पहले मनाया जाता है। हिंदू धर्म में इस पर्व (Festival) का बड़ा ही महत्व है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को हर साल धनतेरस (Dhanteras) या धनत्रयोदशी मनाई जाती है। इस वर्ष धनतेरस 22 अक्टूबर शनिवार को मनाई जाएगी।
धनतेरस (Dhanteras) पर ये चीजे भूलकर भी न खरीदे:
धनतेरस (Dhanteras) के दिन खरीदारी के वक्त कई बातों का ध्यान रखना चाहिए। कुछ लोग इस दिन सोना खरीदना शुभ मानते हैं, लेकिन ज्योतिषों के मुताबिक सोना चंचलता की निशानी होता है। सोना लाने से घर में चंचलता आती है और धन नहीं रुकता है। धनतेरस पर लोहे की वस्तुओं की खरीदारी नहीं करनी चाहिए। इसके अलावा धनतेरस के दिन चीनी मिट्टी की बनी हुई चीजों को भी नहीं खरीदना चाहिए।
धनतेरस पर लोहे से बनी चीजें नहीं खरीदना चाहिए। इस दिन लोहे से बनी चीजें घर पर लाने पर राहु ग्रह की अशुभ छाया पड़ जाती है। राहु की नजर पड़ते ही परेशानियां बढ़ने लगती हैं। लोहा शनि का कारक माना गया है। मान्यता है कि धनतेरस (Dhanteras) पर लोहे की चीजों को खरीदने से दुर्भाग्य आता है। कांच का सामान का संबंध भी राहु ग्रह से होता है। इसलिए धनतेरस के दिन कांच की चीजें नहीं खरीदनी चाहिए।
धनतेरस (Dhanteras) पर बर्तन खरीदने की परंपरा काफी समय से चली आ रही है। स्टील भी लोहे का ही दूसरा रूप है । इसलिए कहा जाता है कि स्टील के बर्तन भी धनतेरस के दिन नहीं खरीदने चाहिए। स्टील के बजाए कॉपर या ब्रॉन्ज के बर्तन खरीदे जाने चाहिए।
धनतेरस (Dhanteras) के दिन काले रंग की चीजों को घर लाने से बचना चाहिए। धनतेरस एक बहुत ही शुभ दिन है जबकि काला रंग हमेशा से से ही हिंदू धर्म में दुर्भाग्य का प्रतीक माना गया है । इसलिए धनतेरस पर काले रंग की चीजें खरीदने से बचें। धनतेरस के दिन अगर आप खरीदारी करने निकले हैं तो चाकू, कैंची व दूसरे धारदार हथियारों को खरीदने से बचना चाहिए।
दीपावली के दो दिन पूर्व धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। धनतेरस के दिन रात्रि को पूजा के स्थान पर एक इतना सा कपड़ा ले जिसमें 7 कोडी और एक गोमती चक्र आ जाए। कपड़े का रंग पीला या लाल रेशमिया वेलवेट का होना चाहिए। उसे आप पूजा के स्थान पर रखें और उसमें कोडी और एक गोमती चक्र डाल दे रात्रि में उसकी पूजा करें।
सुबह उसको पोटली की तरह बना ले और धूपबत्ती करने के पश्चात व्यापार में जिस स्थान पर रोकडिया, नगदी रखी जाती है। उस स्थान पर इसको विराजमान करें। धूपबत्ती करने के पश्चात व्यापार में कभी भी आपके पास में धन की कमी नहीं आएगी। यह लक्ष्मी प्राप्ति का और व्यापार को सफलता प्राप्ति का अचूक उपाय है।
(Disclaimer: इस स्टोरी (लेख) में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित हैं। यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। thenewsworld24 .com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।)