जयगढ़ किला: आज तक नहीं खुल पाया यहाँ छिपे खजाने का रहस्य, यहाँ रखी है 35 किलोमीटर तक मार करने वाली सबसे बड़ी तोप

जयगढ़ फोर्ट (Jaigarh Fort) जयपुर शहर के केंद्र से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं।
जयगढ़ फोर्ट (Jaigarh Fort) जयपुर शहर के केंद्र से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं।

राजस्थान (Rajasthan) के ऐतिहासिक किले, गढ़, हवेलियां व बावडिया विश्व में अपनी एक अलग ही पहचान रखते है। यहाँ का हर किला अपनी ख़ास पहचान के लिए जाना जाता है। इन्ही को देखने के लिए लाखों की संख्या में विदेशी पर्यटक आते है। इन्ही में से एक किला जयगढ़ (Jaigarh Fort) है जो पहाड़ी पर बना हुआ है।

जयगढ़ फोर्ट (Jaigarh Fort) जयपुर (Jaipur) शहर के केंद्र से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। जहाँ आप शहर से ऑटो और टैक्सियों की मदद से आसानी से पहुँच सकते हैं। जयपुर शहर रेलवे, वायुमार्ग और रोडवेज से भारत के कई बड़े शहरों से अच्छी तरह कनेक्टेड है।

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आप आमेर किला (Amer Fort) देख रहे है तो सीधे आमेर किले से भी जयगढ़ पहुंच सकते हो। आमेर किले से आप पैदल ही जयगढ़ (Jaigarh Fort) पहुंच सकते हो। आप जयगढ़ से ऑटो हायर कर नाहरगढ़ भी जा सकते है। लेकिन इस बात की अधिकारियों से पुष्टि कर ले की वापसी में आप आमेर किले में आना चाहेंगे तो वही टिकट चल जायेगी या दुबारा टिकट लेनी पड़ेगी। यदि आप अपने निजी साधन से आ रहे है तो आपको पहले आमेर किला देखना चाहिए फिर जयगढ़ और फिर नाहरगढ़ किला (Nahargarh Fort) देखना चाहिए। रात में नाहरगढ़ किले से आपको पिंक सिटी का विहंगम दृश्य देखने का अवसर मिलेगा।

जयगढ़ फोर्ट (Jaigarh Fort) जयपुर शहर के केंद्र से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं।

इस खूबसूरत जयगढ़ को सवाई जय सिंह द्वितीय (Jai Singh II) द्वारा 1726 में आमेर किले की सुरक्षा के लिए बनाया गया था। यह किला चट्टान के शीर्ष पर बना हुआ है जिसके चारो और घना जंगल है। इस किले से पूरे जयपुर को देखा जा सकता है। इस किले से आमेर किले तक एक भूमिगत मार्ग भी है। इसे “विजय का किला” के रूप में भी जाना जाता है।

जयगढ़ फोर्ट (Jaigarh Fort) जयपुर शहर के केंद्र से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं।

जयगढ़ किला (Jaigarh Fort) विद्याधर (Vidhydhar) नामक एक प्रतिभाशाली वास्तुकार द्वारा निर्मित और डिजाइन किया गया जिसकी वजह से यह किला यहाँ आने वाले देसी व विदेशी पर्यटकों को अनायास ही अपनी तरफ आकर्षित करता है।

जयगढ़ किले (Jaigarh Fort) को सबसे ज्यादा मजबूत कहा जाता है और इस किले को कभी भी किसी भी बड़े प्रतिरोध का सामना नहीं करना पड़ा। यहाँ दुनिया की सबसे बड़ी तोप रखी हुई है जो मुख्य आकर्षण का केंद्र है। बताया जाता है कि इस तोप का केवल एक ही बार परीक्षण किया गया। इस किले का नाम सवाई जय सिंह II शासक के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने इसको बनवाया है। जयगढ़ किला 18 वीं शताब्दी में बना निर्मित एक शानदार वास्तुकला का उदाहरण है।

आमेर पर 10 वीं शताब्दी की शुरुआत से कछवाहाओं ने शासन किया था। मुगल शासन के दौरान यह किला मुख्य तोप फाउंड्री बन गया था और युद्ध के लिए आवश्यक गोला बारूद के साथ अन्य धातु को रखने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाने लगा। जयगढ़ किले (Jaigarh Fort) में तोप चौकी तब तक सुरक्षित रही जब तक कि रक्षक दारा शिकोह अपने ही भाई औरंगजेब द्वारा पराजित और मार डाला गया था।

जयगढ़ किला (Jaigarh Fort) बलुआ पत्थर की मोटी दीवारों द्वारा संरक्षित है जिसमें ललित मंदिर, विलास मंदिर, लक्ष्मी विलास और अराम मंदिर जैसे कुछ खास वास्तुशिल्प हैं। इसके साथ अलावा 10 वीं शताब्दी में बने राम हरिहर और 12 वीं शताब्दी में बने काल भैरव मंदिर भी इस मंदिर के आकर्षण को बढ़ाते हैं। इस किले का सबसे बड़ा आकर्षण विशाल पहियों पर दुनिया की सबसे बड़ी तोप जिसे ‘जयवाना तोप’ (Jaivana Cannon) और विशाल महल परिसर के रूप में जानते हैं। इसके अलावा इस किले के साथ एक संग्रहालय के साथ एक उद्यान भी स्थित है। जयगढ़ किले की लाल बलुआ पत्थर की दीवारें 3 किलोमीटर की लंबाई में फैली हुई हैं जिसकी चौड़ाई लगभग एक किलोमीटर है। इस किले की सीमा के अंदर एक वर्गाकार उधान है और इस किले की इमारत के ऊपरी स्तरों तक पहुँचने के लिए तटबंधों का निर्माण किया गया है।

जयगढ़ फोर्ट (Jaigarh Fort) जयपुर शहर के केंद्र से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं।

कोर्ट रूम और हॉल को शानदार खिडकियों से सजाया गया है और यहाँ एक केंद्रीय वॉच टॉवर पूरे आसपास के परिदृश्य को देखता है। यहाँ के अराम मंदिर में प्रवेश अवनी दरवाजा के माध्यम से होता है जो एक बहुत ही शानदार ट्रिपल मेहराबदार प्रवेश द्वार है। राम मंदिर के पास में स्थित सागर झील (Sagar Lake) का आकर्षक दृश्य हर किसी को मोहित कर देता है।

इतिहासकारों का मानना है कि जयगढ़ किले (Jaigarh Fort) में खजाना था। बात 1975-76 की है जब देश में आपातकाल लगा हुआ था। इसी दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने सेना की मदद से इस किले की तलाशी ली। तलाशी के दौरान केंद्र ने यहाँ बने टांको के पानी को खाली करवाकर सेना की मदद लेकर खजाने की खोज में कुछ महीनों तक खुदाई कराई गई थी। तब राजनीतिक चर्चा रही कि केंद्र ने लोगों को धोखे में रखकर खजाना उस बंद हाईवे से ट्रक भरकर दिल्ली पहुंचाया है। लेकिन केंद्र ने पाकिस्तान द्वारा खजाने में हिस्सा मांगने पर स्पष्ट किया की यहां सिर्फ 220 किलो चांदी ही बरामद हुई है।

जयगढ़ फोर्ट (Jaigarh Fort) जयपुर शहर के केंद्र से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं।

लेकिन यह बात हैरान कर देती है कि अगर सरकार को जयगढ़ किले (Jaigarh Fort) का खजाना नहीं मिला तो वो खजाना कहाँ गया। जयगढ़ किला (Jaigarh Fort) और उसके खजाने का रहस्य हर किसी को सोचने पर मजबूर कर देता है। आखिर इस किले के खजाने का रहस्य कब सुलझ पायेगा।

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