उपमुख्यमंत्री से यूएन प्रतिनिधियों ने की मुलाकात, प्रदेश में पर्यटन विकास और महिला सशक्तिकरण पर मिलकर काम करने पर हुई चर्चा

उप मुख्यमंत्री (Deputy Chief Minister)  तथा पर्यटन और महिला एवं बाल विकास मंत्री दिया कुमारी से यूएन प्रतिनिधियों ने शुक्रवार को सचिवालय स्थित उनके कक्ष में मुलाक़ात की।
उप मुख्यमंत्री (Deputy Chief Minister) तथा पर्यटन और महिला एवं बाल विकास मंत्री दिया कुमारी से यूएन प्रतिनिधियों ने शुक्रवार को सचिवालय स्थित उनके कक्ष में मुलाक़ात की।

जयपुर। उप मुख्यमंत्री (Deputy Chief Minister) तथा पर्यटन और महिला एवं बाल विकास मंत्री (Tourism and Women and Child Development Minister) दिया कुमारी से यूएन (UN) प्रतिनिधियों ने शुक्रवार को सचिवालय स्थित उनके कक्ष में मुलाक़ात कर राजस्थान (Rajasthan) में पर्यटन के विकास की संभावनाओं, महिला सशक्तिकरण, एनीमिया की रोकथाम, लिंग भेद उन्मूलन तथा बालिका शिक्षा को बढ़ावा देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए जैसे बिन्दुओं पर चर्चा की।

उप मुख्यमंत्री (Deputy Chief Minister) ने यूएन रेजिडेंट कॉर्डिनेटर शोम्बी शार्प, यूनिसेफ राजस्थान की चीफ फिल्ड ऑफिसर इसाबेल बारडेम तथा यूएन रेजिडेंट कॉर्डिनेटर कार्यालय की चीफ ऑफ स्टाफ राधिका कॉल बत्रा के साथ बैठक की।

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बैठक में यू एन और राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के साथ समन्वय करके महिला सशक्तिकरण, एनीमिया, कुपोषण, पेयजल, प्रदेश के पर्यटन, कला, संस्कृति, हेरिटेज को बढ़ावा देने की सम्भावनाओं पर चर्चा की गई। आगामी दिनों में अगले स्तर की वार्ता कर कार्ययोजनाओं का निर्माण किया जाएगा।

दिया कुमारी (Deputy Chief Minister) ने बताया कि केंद्र व राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप प्रदेश में आंगनबाड़ियों को सक्षम आंगनबाड़ी बनाने के लिए कार्य किया जायेगा। एनीमिया ग्रस्त एवं कुपोषण ग्रस्त पोकेट्स पर फोकस किया जायेगा। इसके साथ ही राजस्थान में पदस्थापित दस हजार साथिनों का क्षमतावर्धन किया जायेगा। साथिनों के जॉब रोल को फ्रंट लाइन वर्कर के रूप में सुदृढ़ किया जायेगा।

बैठक में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सस्टेनेबल गोल को लक्षित कर कार्य हेतु चर्चा की गई। राजस्थान की शानदार अमूर्त सांस्कृतिक विरासत कला, संस्कृति, हस्त कला आदि को आगे बढ़ाना जरुरी है। आधुनिकीकरण के कारण कला संस्कृति और ऐतिहासिक विरासत की अनदेखी हो रही है। राजस्थान और जयपुर में भी शानदार ऐतिहासिक विरासत है। विरासत को संरक्षण कैसे प्रदान किया जाए और इनको पर्यटन की दृष्टि से किस तरह आगे बढ़ाया जाए इस पर चर्चा की गई। अमूर्त सांस्कृतिक विरासत कला संस्कृति, हस्त कला आदि को आगे बढ़ाया जाए। यू एन प्रतिनिधियों से जिओ हेरिटेज साइट विकसित करने, वर्ल्ड हेरिटेज साइट विकसित करने हेतु चर्चा की गई है।

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