सहकारी दवा उपभोक्ता भंडार की दुकान खुलवाने की मांग को लेकर रूक्ष्मणि कुमारी को सौंपा ज्ञापन

Memorandum submitted to Rukshmani Kumari demanding opening of cooperative drug store
Memorandum submitted to Rukshmani Kumari demanding opening of cooperative drug store
  • हजारों पेंशनर एवं कर्मचारी मात्र एक सहकारी दवा उपभोक्ता भंडार के भरोसे.
  • एनटीटी भर्ती परीक्षा का परिणाम जारी करवाने की मांग.

चौमूं (जयपुर)। सामोद, कालाडेरा व गोविंदगढ़ में सहकारी दवा उपभोक्ता भंडार की दुकान खुलवाए जाने की मांग को लेकर रविवार को नगर कांग्रेस कमेटी एससी विभाग के पूर्व अध्यक्ष राजेश कुमार वर्मा ने ऑल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष रूक्ष्मणि कुमारी (Rukshmani Kumari) से मोरीजा स्थित उनके निवास पर भेंट कर चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा (Health Minister Raghu Sharma) एवं सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना के नाम ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन में वर्मा ने बताया कि चौमूं विधानसभा क्षेत्र के नगर पालिका क्षेत्र के अतिरिक्त गोविंदगढ़ पंचायत समिति के अधीन 49 ग्राम पंचायत आती है। यहां आसपास के क्षेत्र में हजारों पेंशनर्स एवं सरकारी कर्मचारी निवास करते हैं। इन कर्मचारियों, पेंशनर्स हेतु एकमात्र सहकारी उपभोक्ता भंडार की दुकान उपलब्ध है जो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चौमूं में स्थित है।

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चौमूं क्षेत्र के समीप ही गोविंदगढ़, कालाडेरा एवं सामोद बड़े कस्बे हैं जहां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की सुविधा उपलब्ध है। परंतु यहां रहने वाले पेंशनर्स व सरकारी कर्मचारियों को भी चौमूं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्थित सहकारी दवा उपभोक्ता भंडार का ही सहारा है।

उल्लेखनीय है कि पेंशनर्स व सरकारी कर्मचारियों को मेडिकल बिल के पुनर्भरण हेतु सहकारी उपभोक्ता भंडार से दवाइयां लेनी पड़ती है। दवाइयां उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में उक्त दुकान से एनएसी प्राप्त करनी होती है । तभी सरकार से मेडिकल बिल पुनर्भरण की सुविधा उपलब्ध होती है।

Memorandum submitted to Rukshmani Kumari demanding opening of cooperative drug store

कालाडेरा, गोविंदगढ़ एवं सामोद में हजारों की संख्या में पेंशनर्स एवं सरकारी कर्मचारी निवास करते हैं जो बीमार होने पर पास में उपलब्ध इन सीएचसी पर डॉक्टर्स की सेवाएं लेते हैं। डॉक्टर द्वारा निःशुल्क दवा वितरण योजना में अनुपलब्ध दवा लिखने पर सहकारी दवा भंडार की दुकान से दवा लेने हेतु इन्हें अपने निवास से लगभग 10 किलोमीटर दूर चौमूं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाना पड़ता है। अधिकांश पेंशनर वृद्ध होने के कारण शुगर, उच्च रक्तचाप एवं हृदय की बीमारी एवं मानसिक बीमारी से पीड़ित होते हैं। ऐसी स्थिति में वृद्धावस्था होने के कारण मजबूरन उन्हें नजदीक की निजी मेडिकल स्टोर से ही दवा लेनी पड़ती है। बिना उपभोक्ता भंडार से एनएससी प्राप्त किए निजी मेडिकल की दुकान से दवा लेने पर सरकार द्वारा पुनर्भरण की सुविधा नहीं दी जाती है, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।

इतने बड़े क्षेत्र में एकमात्र सहकारी दवा भंडार होने के कारण दुकान पर आवश्यक बीमारियों की दवाइयां उपलब्ध नहीं हो पाती है तथा भीड़ भी काफी ज्यादा हो जाती है। इससे वृद्ध पेंशनर्स को काफी परेशानी उठानी पड़ती है।

वर्मा ने बताया कि जिन कर्मचारियों ने 60 वर्ष तक सरकार की सेवा की है, उन्हें उचित मेडिकल सुविधा उपलब्ध करवाना सरकार का दायित्व है।

अत: वर्मा ने चौमूं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अतिरिक्त सामोद, कालाडेरा एवं गोविंदगढ़ में भी सहकारी उपभोक्ता भंडार की दुकान खुलवाने की मांग की साथ ही इन दवाइयों की दुकानों पर पर्याप्त मात्रा में दवाइयां भी उपलब्ध करवाई जाए ताकि पेंशनर अथवा सरकारी कर्मचारियों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। इस अवसर पर सुरेंद्र कुमार, सोहन सैनी सहित अनेक लोग उपस्थित थे।

एनटीटी भर्ती परीक्षा का परिणाम जारी करवाने की मांग :-

एनटीटी भर्ती परीक्षा 2018 का अंतिम परिणाम जारी करवा कर फर्जी डिग्री वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करवाए जाने की मांग को लेकर रविवार को एनटीटी शिक्षक संघर्ष समिति महासचिव विष्णु शर्मा ने ऑल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष रूक्ष्मणि कुमारी से मोरीजा स्थित उनके निवास पर भेंट कर ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन में बताया कि राज्य सरकार द्वारा बजट घोषणा 2018 महिला एवं बाल विकास विभाग में पूर्व प्राथमिक अध्यापकों की 1000 पदों के लिए घोषणा की गई थी। जिस की परीक्षा राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने 24 फरवरी 2019 को आयोजित करवाई थी। उसमें से 17521 अभ्यर्थी शामिल हुए। जबकि 24 हजार से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। राजस्थान में 27 सौ के करीब अभ्यार्थियों ने एनटीटी का प्रशिक्षण किया था। उनमें से पिछले दो भर्तियों में अधिकांश अभ्यर्थियों का चयन हो चुका है। जबकि 13 सौ के करीब अभ्यार्थी दे रहे हैं। इतनी बड़ी संख्या में परीक्षा में शामिल हुए अभ्यर्थियों से फर्जी डिग्री की आशंका है।

ज्ञापन में बताया कि एनटीटी कोर्स राजस्थान में 2010 में पूर्ण रुप से बंद हो चुका है। राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा परीक्षा का परिणाम 31 जुलाई 2019 को जारी किया गया। जिसके दस्तावेजों का सत्यापन सितंबर 2019 में हुआ। लेकिन 1 वर्ष का समय बीत जाने के बाद भी अभी तक अंतिम परिणाम जारी नहीं हुआ ना ही फर्जी डिग्री वालों पर कानूनी कार्रवाई हुई।

ज्ञापन के माध्यम से शीघ्र अंतिम परिणाम जारी करके नियुक्ति दिए जाने की मांग की। जिससे बेरोजगार छात्र छात्राओं को रोजगार मिल सके।

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