जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Chief Minister Bhajanlal Sharma) ने कहा कि राज्य सरकार वागड़ क्षेत्र (Vagad Region) के विकास के लिए कृतसंकल्पित है। हमारी सरकार हमेशा जनजातीय समाज की प्रगति एवं गौरव को बढ़ाने का काम करती रहेगी। उन्होंने कहा कि जनजातीय वर्ग के उत्थान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के कार्यकाल में जितने काम हुए हैं, उतने काम कभी नहीं हुए।
शर्मा शुक्रवार को जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर बांसवाड़ा जिले के गोविन्द गुरू महाविद्यालय मैदान में आयोजित नवादि युगधारा प्रणेता समागम कार्यक्रम (Navadi Yugdhara Praneta Sammelan) को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा (Lord Birsa Munda) की 150वीं जयंती के अवसर पर जनजातीय गौरव दिवस मना रहे हैं। भगवान बिरसा मुंडा (Lord Birsa Munda) ने अपना जीवन भारत के स्वतंत्रता संग्राम, विरासत और संस्कृति को समर्पित कर दिया था।
स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्र निर्माण में आदिवासी समुदायों का योगदान:
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातीय गौरव दिवस देशवासियों के लिए भारत के स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्र निर्माण में आदिवासी समुदायों के योगदान को स्मरण करने का अवसर है। उन्होंने कहा कि राजस्थान के आदिवासी वीर योद्धा महाराणा प्रताप के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़े और अपनी जन्म-भूमि के गौरव के लिए मर-मिटे थे। वागड़ अंचल में गोविंद गुरु के नेतृत्व में आदिवासी वीरों ने अंग्रेजों की गुलामी से लड़ने का काम किया। वागड़ की धरती पर मानगढ़ धाम 1500 से अधिक आदिवासी वीरों के बलिदान का साक्षी है।
करोड़ों आदिवासी परिवारों का जीवन हुआ आसान:
शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री की जनकल्याणकारी योजनाओं से देश के करोड़ों आदिवासी परिवारों का जीवन आसान हुआ है। प्रधानमंत्री जी ने पीएम-जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान- जनमन की शुरूआत की है। धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान से देशभर में 63 हजार आदिवासी गांवों में 5 करोड़ से अधिक लोगों को लाभान्वित किया जा रहा है। इसके अन्तर्गत राज्य के 40 जिलों के 208 पंचायत समितियों के 6019 गांवों में सामाजिक, आर्थिक एवं आधारभूत विकास कार्य करवाकर इन गांवों को विकसित किया जाएगा।
प्रदेश में आदिवासी क्षेत्र का विकास हो रहा सुनिश्चित:
मुख्यमंत्री ने कहा कि डूंगरपुर में डूंगर बरंडा और बांसवाड़ा में बांसिया चारपोटा जनजातीय नायकों के स्मारकों का निर्माण, उदयपुर में वीर बालिका कालीबाई संग्रहालय का निर्माण करेंगे। अनुसूचित जनजाति के विकास के लिए टीएसपी फंड की राशि 1 हजार करोड़ से बढ़ाकर एक हजार 500 करोड़ रुपये कर दी है। खेल अकादमियों में छात्र-छात्राओं की मेस भत्ता राशि को बढ़ाकर 4 हजार रूपये प्रतिमाह किया है। उन्होंने कहा कि शाहबाद-बारां में सहरिया जनजाति के लिए तीरंदाजी व एथलेटिक्स खेल अकादमी की स्थापना करेंगे। साथ ही, 7 नवीन आश्रम छात्रावास, 1 नवीन खेल अकादमी, 3 नवीन आवासीय विद्यालय एवं 250 नवीन मां-बाडी केन्द्र स्वीकृत किये हैं।
गोविन्द गुरू जनजातीय क्षेत्रीय विकास योजना का शुभारंभ:
शर्मा ने कहा कि वनाधिकार अधिनियम के तहत वन क्षेत्रों में निवास करने वाले आदिवासियों व परम्परागत वन निवासियों के कल्याण के लिए गोविन्द गुरू जनजातीय क्षेत्रीय विकास योजना की घोषणा की गई थी, जिसका शुभारंभ आज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 15 नवम्बर से 26 नवम्बर तक प्रदेश में जनजातीय गौरव दिवस पखवाड़ा मनाया जा रहा है।
वागड़ क्षेत्र के युवाओं को मिलेगा रोजगार:
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार वागड़ क्षेत्र के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। यहां रेलवे, हाईवे, विद्यालय जैसे कार्यों से विकास को बढ़ाया जा रहा है। महाराणा प्रताप सर्किट एवं धार्मिक सर्किट भी बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि सीतामाता अभयारण्य, त्रिपुरा सुंदरी, बेणेश्वर धाम और मानगढ़ धाम को जोड़ते हुए पर्यटन सर्किट बनाने एवं इस क्षेत्र को औद्योगिक रूप से बढ़ावा देकर यहां के युवाओं को रोजगार देने का काम हमारी सरकारी करेगी।
शर्मा ने समारोह में दो राजसखियों को 114 करोड़ रुपये का चैक प्रदान किया। उन्होंने आदिवासी जनजातीय क्षेत्र में उन्नत किसान, महिला उद्यमी, शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में उपलब्धि हासिल करने वाली पांच-पांच प्रतिभाओं सहित नवाचार करने वाले दो व्यक्तियों को पुरस्कार से सम्मानित किया। उन्होंने मेला मैदान में लगाई स्टॉल्स एवं प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। मुख्यमंत्री को आदिवासी अंचल की पहचान मांडना चित्र और तीर कमान भेंट किया गया। शर्मा ने इस अवसर पर गोविन्द गुरू जनजातीय क्षेत्रीय विकास योजना की पुस्तिका का भी विमोचन किया।
इससे पहले मुख्यमंत्री एवं बड़ी संख्या में मौजूद आमजन ने जनजातीय गौरव दिवस पर बिहार के जमुई में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सम्बोधन को सुना।
कार्यक्रम में जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी, विधायक कैलाशचन्द्र मीणा एवं शंकरलाल डेचा, सचिव जनजाति क्षेत्रीय विकास भानू प्रकाश एटूरू सहित बड़ी संख्या में आदिवासी अंचल के आमजन मौजूद रहे।