Nirjala Ekadashi 2023: निर्जला एकादशी पर भूल कर भी ना करें ये काम!

Nirjala Ekadashi 2023: निर्जला एकादशी पर भूल कर भी ना करें ये काम !
Nirjala Ekadashi 2023: निर्जला एकादशी पर भूल कर भी ना करें ये काम !

हिंदू पंचांग के अनुसार निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi 2023) 31 मई को मनाई जाएगी। साल की सभी एकादशियों में से यह व्रत जितना कठिन है उतना ही शुभफलदायी माना जाता है। निर्जला एकादशी ज्‍येष्‍ठ मास के शुक्‍ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है और इसका धार्मिक महत्‍व सबसे ज्‍यादा है। मान्‍यता है कि जो भी व्‍यक्ति सच्‍चे भाव से यह व्रत करता है और दान पुण्‍य करता है। वह भगवान विष्‍णु की कृपा का पात्र बनता है।

इस एकादशी के शुभ अवसर पर निर्जला उपवास रखने से भगवान विष्‍णु के साथ मां लक्ष्‍मी भी प्रसन्‍न होती हैं और आपके घर में धन वृद्धि करती हैं। इस व्रत को करने से आपकी सभी अधूरी इच्‍छाएं पूर्ण होती है।

HD मेकअप, हेयर स्पा, हेयर स्टाइलिंग, स्किन केयर, मैनीक्योर, आदि करवाना चाहते हो?
जेम्स हर्बल ब्यूटी पार्लर एंड ट्रेनिंग सेंटर
रावत शॉपिंग प्लाजा, चौमूँ , जयपुर
केवल महिलाओं के लिए
AD
जेम्स ब्यूटी पार्लर के बारे में अधिक देखे »

निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) पर भूल से भी न करें ये काम:

निर्जला एकादशी के दिन भूलकर भी काले रंग के वस्‍त्र न पहनें। इस दिन पीले रंग के वस्‍त्र पहनना शुभ होता है। निर्जला एकादशी के दिन प्‍याज लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिए। अगर आपके घर में कोई व्रत नहीं भी है तो भी प्‍याज लहसुन का प्रयोग न करें। इस दिन गलती से भी नमक नहीं खाना चाहिए। नमक खाने से एकादशी और बृहस्पति का फल नष्ट हो जाता है।

निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) का व्रत बिन जल के रखा जाता है लेकिन अगर आप निर्जला व्रत नहीं रख पा रहे हैं तो भी इस दिन गलती से भी चावल नहीं खाना चाहिए। इस दिन किसी भी तरह के तामसिक, मांसाहारी भोजन का सेवन ना करें। इसके अलावा शराब और हर तरह के नशे से भी दूर रहें। निर्जला एकादशी के दिन बाल कटवाना, शेविंग करवाना और नाखून काटना भी वर्जित माना गया है।

निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। एकादशी के दिन तुलसी को जल अर्पित नहीं करना चाहिए और न ही उसे छूना चाहिए। माना जाता है कि इस दिन तुलसी माता भी उपवास करती है। व्रत से एक रात पहले और व्रत की पूरी रात सोना नहीं चाहिए। इन दोनों दिन रात्रि जागरण कर भगवान विष्णु (Lord Vishnu) और मां लक्ष्मी की अराधना की जाती है।

(Disclaimer: इस स्टोरी (लेख) में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित हैं। यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। thenewsworld24 .com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।)

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *