
जयपुर। उपमुख्यमंत्री तथा पर्यटन, कला एवं संस्कृति मंत्री दिया कुमारी (Deputy Chief Minister and Tourism, Art and Culture Minister Diya Kumari) ने समाचार पत्र ‘इकोनॉमिक टाइम्स’ की ओर से गुरूवार को जयपुर में आयोजित राजस्थान बिजनेस समिट और पुरस्कार समारोह (Rajasthan Business Summit and Award Ceremony) में कहा कि राजस्थान पर्यटन (Rajasthan tourism) के विकास में निजी क्षेत्र ने अत्यंत महत्वपूर्ण और शानदार योगदान दिया है। सरकार पर्यटन व्यवसाय नहीं कर सकती अपितु एक फेसिलिटेटर के रूप में काम कर सकती है। सरकार सुविधाओं का विकास कर सकती है, जो किया जा रहा है।
सरकार रोड बनवा सकती है, रेल, बस, हवाई सुविधाओं का विकास कर सकती है, जो नियमित रूप से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार पर्यटक स्थलों के संरक्षण का कार्य कर रही है।


उन्होंने कहा कि विश्व में क्लाइमेट चेंज हुआ है। पहले कहा जाता था कि राजस्थान में ऑफ सीजन मे पर्यटन (tourism) संभव नहीं है लेकिन इस परसेप्शन को बदलने की आवश्यकता है। राजस्थान में ऑफ सीजन में भी पर्यटन संभव है। राजस्थान ऑल टाइम टूरिस्ट डेस्टिनेशन (Rajasthan is an all time tourist destination) है।
दिया कुमारी ने पर्यटन विकास की नई संभावनाओं के लिए आमजन का नये विचार, थीम, इनोवेशन के साथ आगे आने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सरकार पर्यटन (tourism) विकास के नये आइडिया को प्रोत्साहित करेगी, साल में कम से कम एक— दो बार आईफा जैसे आयोजन होते रहने चाहिए। राजस्थान में कन्सर्ट टूरिज्म, कॉन्फ्रेंस टूरिज्म की बहुत संभावनाएं है। आज के दौर में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर्यटन विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रभावशाली मंच हैं।
इससे पूर्व पर्यटन कला एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख शासन सचिव तथा आरटीडीसी अध्यक्ष राजेश यादव ने कहा कि राज्य में ऐतिहासिक स्मारकों से आगे भी पर्यटन (tourism) के विभिन्न क्षेत्रों में अनेक सम्भावनाएं हैं, जिन पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पर्यटन क्षेत्र में हमारा प्रदेश तेजी से आगे बढ़ते हुए दुनिया के पर्यटन का सिरमौर बन रहा है।
प्रमुख शासन सचिव ने बताया कि राजस्थान सरकार की ओर से ट्राइबल ट्यूरिज्म सर्किट (Tribal Tourism Circuit) पर अच्छा काम किया जा रहा। इसी प्रकार धार्मिक पर्यटन, ग्रामीण पर्यटन, वन्य पर्यटन भी पर्यटन (tourism) के अत्यंत बेहतरीन डेस्टिनेशन के रूप उभर रहे हैं। राजस्थान का फूड, हेरिटेज, म्यूजिक, फोक कल्चर सब कुछ अलग तरह की संभावनाओं को समाहित किये हुए है। उन्होंने कहा कि शेखावाटी की हवेलियों जैसी अद्भुत सांस्कृतिक विरासत राजस्थान पर्यटन को समृद्ध करती है और पर्यटन क्षेत्र में नये द्वारा खोलती है। प्रदेश में पर्यटन के विभिन्न नए क्षेत्र उभर रहें हैं।
राजेश यादव ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा हाल ही में पर्यटन इकाई नीति— 2024 (Tourism Unit Policy – 2024) लागू की गई है जिसमें निवेशकों के लिए कई प्रोत्साहन प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही सरकार दो नई नीतियां लेकर आ रही हैं। यह पहली राजस्थान पर्यटन नीति है जिसमें समग्र पर्यटन अवसंरचना, रोजगार सृजन और अनुभव आधारित पर्यटन पर जोर दिया गया है। राजस्थान फिल्म पर्यटन प्रोत्साहन नीति में राजस्थान को एक वैश्विक फिल्म शूटिंग हब बनाये जाने पर कार्य किया जाएगा।
पर्यटन आयुक्त रूक्मणि रियार ने पर्यटन क्षेत्र में राजस्थान की क्षमता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि राजस्थान घरेलू और विदेशी पर्यटकों के मामले में भारत में 5वें स्थान पर है।
रियार ने कहा कि राजस्थान पर्यटन (tourism) की खासियतें इसकी विविधताओं में निहित हैं जिनमें ऐतिहासिक किले, महल, रेगिस्तान, झीलें, वन्यजीव अभ्यारण्य, धार्मिक स्थल और ग्रामीण पर्यटन शामिल हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान को ‘डेस्टिनेशन वेडिंग’, ‘लक्ज़री टूरिज्म’ और ‘हेरिटेज टूरिज्म’ के लिए सबसे पसंदीदा जगह के रूप में जाना जाता है। इसके अतिरिक्त राज्य मीटिंग्स, इंसेंटिव्स, कॉन्फ्रेंसेस और एग्जीबिशन (MICE) के लिए भी एक केंद्र बन गया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान की खासियत है कि इस राज्य में अपनी विरासत का संरक्षण किया जा रहा है और इस विरासत को सहेजते हुए राजस्थान आज वैश्विक व राष्ट्रीय स्तर पर पर्यटकों की पहली पसंद बनता जा रहा है।