मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल एवं मंत्रिपरिषद् की बैठक आयोजित : 1 करोड़ 4 लाख रजिस्टर्ड उपभोक्ताओं को अब मिलेगी 150 यूनिट प्रतिमाह निःशुल्क बिजली, अवैध धर्मान्तरण रोकने के लिए और कठोर प्रावधान

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Chief Minister Bhajanlal Sharma) की अध्यक्षता में रविवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में मंत्रिमंडल एवं मंत्रिपरिषद् की बैठक आयोजित हुई।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Chief Minister Bhajanlal Sharma) की अध्यक्षता में रविवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में मंत्रिमंडल एवं मंत्रिपरिषद् की बैठक आयोजित हुई।

जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Chief Minister Bhajanlal Sharma) की अध्यक्षता में रविवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित मंत्रिमंडल एवं मंत्रिपरिषद् की बैठक (Cabinet and Council of Ministers meeting) में मुख्यमंत्री निःशुल्क बिजली योजना (Chief Minister’s Free Electricity Scheme) के लाभार्थियों को सौर ऊर्जा से जोड़कर 150 यूनिट निःशुल्क बिजली देने, प्रदेश के सभी नगरीय क्षेत्रों में सुव्यवस्थित सीवरेज सिस्टम बनाने के लिए सीवरेज एवं अपशिष्ट जल नीति-2016 में संशोधन, राजस्थान विधिविरूद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक-2025 लाने, राजसेस महाविद्यालयों में विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए शीघ्र भर्तियां करने सहित कई महत्वपूर्ण फैसले किए गए।  

उपमुख्यमंत्री (Deputy Chief Minister) डॉ. प्रेमचंद बैरवा, संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल तथा खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने पत्रकार वार्ता में बताया कि राज्य सरकार ने प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को सस्ती एवं सुलभ सौर ऊर्जा के माध्यम से ऊर्जादाता बनाने की दिशा में एक अनूठी पहल की है। प्रदेश में जल्द ही पीएम सूर्यघर 150 यूनिट निःशुल्क बिजली योजना (PM Suryaghar 150 Unit Free Electricity Scheme) लागू की जाएगी। घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को ऊर्जादाता बनाने की दिशा में देश के किसी भी राज्य में अपनी तरह की यह महत्वाकांक्षी योजना है। गोदारा ने बताया कि इस निर्णय का लाभ 1 करोड़ 4 लाख घरेलू श्रेणी के रजिस्टर्ड उपभोक्ताओं को होगा और वे सौर ऊर्जा से जुड़कर प्रतिमाह 100 यूनिट के स्थान पर अब 150 यूनिट तक निःशुल्क बिजली का लाभ उठा पाएंगे। 

HD मेकअप, हेयर स्पा, हेयर स्टाइलिंग, स्किन केयर, मैनीक्योर, आदि करवाना चाहते हो?
जेम्स हर्बल ब्यूटी पार्लर एंड ट्रेनिंग सेंटर
रावत शॉपिंग प्लाजा, चौमूँ , जयपुर
केवल महिलाओं के लिए
AD
जेम्स ब्यूटी पार्लर के बारे में अधिक देखे »

उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने वर्ष 2025-26 के बजट में मुख्यमंत्री (Chief Minister) निःशुल्क बिजली योजना के रजिस्टर्ड लाभार्थियों को और अधिक लाभ देने की मंशा के साथ पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना को लीवरेज करते हुए रूफ टॉप सोलर पैनल लगाकर 150 यूनिट प्रतिमाह निःशुल्क बिजली उपलब्ध कराने की महत्वपूर्ण घोषणा की थी। साथ ही, ऐसे परिवारों, जिनके घर में सोलर प्लांट लगाने के लिए पर्याप्त छत नहीं है, उनके लिए सामुदायिक सोलर संयंत्र लगाने की घोषणा भी बजट में की गई थी। 

150 यूनिट से अधिक औसत मासिक उपभोग-

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री निःशुल्क बिजली योजना (Chief Minister’s Free Electricity Scheme) में पंजीकृत 27 लाख लाभार्थी परिवारों, जिनका औसत मासिक उपभोग 150 यूनिट से अधिक है, उनके घर की छत पर इस योजना में 1.1 किलोवाट क्षमता के निःशुल्क सोलर पैनल लगाए जाएंगे। इसके लिए ऐसे प्रत्येक उपभोक्ता को प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत भारत सरकार से प्रति संयंत्र 33,000 रुपये की वित्तीय सहायता मिलेगी। वहीं राज्य सरकार द्वारा 17,000 रूपए प्रति संयंत्र की अतिरिक्त वित्तीय सहायता दी जाएगी। इससे 1.1 किलोवाट क्षमता का पैनल पूरी तरह निःशुल्क हो जाएगा और 150 यूनिट तक मासिक खपत पर उपभोक्ता का मासिक बिजली बिल शून्य हो जाएगा। वहीं करीब 27 लाख परिवारों के रूफ टॉप संयंत्र लगने से 3,000 मेगावाट अतिरिक्त सौर ऊर्जा क्षमता सृजित होगी।

150 यूनिट से कम औसत मासिक उपभोग

उन्होंने बताया कि 150 यूनिट से कम औसत मासिक उपभोग वाली श्रेणी के अन्तर्गत प्रथम कैटेगरी में मुख्यमंत्री निःशुल्क बिजली योजना (Chief Minister’s Free Electricity Scheme) के ऐसे 11 लाख लाभार्थी परिवार, जिनके पास अपने घर की छत पर निःशुल्क रूफ टॉप सोलर संयंत्र लगाने के लिए छत उपलब्ध है, उनके लिए वितरण कंपनियों द्वारा अपने चयनित वेंडर्स के माध्यम से निःशुल्क 1.1 किलोवाट क्षमता के सोलर संयंत्र लगाए जाएंगे। द्वितीय कैटेगरी में ऐसे रजिस्टर्ड शेष उपभोक्ता जिनके रूफ टॉप संयंत्र लगाने के लिए छत उपलब्ध नहीं है, के लिए डिस्कॉम्स सामुदायिक सोलर संयंत्र लगाएंगे। साथ ही, इन संयंत्रों पर वर्चुअल नेट मीटरिंग के माध्यम से ऐसे उपभोक्ताओं को इन सामुदायिक सोलर संयंत्रों से मिलने वाली बिजली के रूप में 150 यूनिट निःशुल्क बिजली प्रतिमाह उपलब्ध होगी। सामुदायिक सोलर संयंत्रों की स्थापना में होने वाला सम्पूर्ण व्यय डिस्कॉम्स वहन करेंगे। इससे उन लोगों को भी निःशुल्क बिजली योजना का लाभ मिलेगा जिनके पास स्वयं की छत उपलब्ध नहीं है। 

प्रथम 10 लाख उपभोक्ताओं को डिस्कॉम्स देंगे 1100-1100 रूपये-

उन्होंने बताया कि शून्य कार्बन उत्सर्जन की राष्ट्रीय प्रतिबद्धता को हासिल करने में राजस्थान सरकार की यह योजना प्रेरक पहल एवं मील का पत्थर साबित होगी। इस सामाजिक एवं राष्ट्रीय सरोकार में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले प्रथम 5-5 लाख विद्युत उपभोक्ताओं (150 यूनिट से अधिक तथा इससे कम औसत मासिक उपभोग, दोनों ही श्रेणियों में प्रथम 5-5 लाख उपभोक्ताओं) के बैंक खातों में डिस्कॉम्स डीबीटी के माध्यम से 1100 रूपये की राशि हस्तांतरित करेंगे।

नगरीय निकायों में 1 लाख के स्थान पर 2 लाख स्ट्रीट लाइटें-

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ने बताया कि प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में आबादी बढ़ने के साथ-साथ आवासीय क्षेत्र के विस्तार को देखते हुए सड़कों पर एक लाख एलईडी स्ट्रीट लाईटें लगाने की घोषणा वर्ष 2025-26 के बजट में की गई थी। नगरीय निकायों की संख्या 282 से बढ़कर 312 होे जाने एवं कई नगरीय निकायों में पुरानी हो चुकी लाइटों के स्थान पर नवीन लाइटें लगाने की जरूरत के मद्देनजर अब एक लाख लाइटों के स्थान पर 2 लाख स्ट्रीट लाइटें लगाई जाएंगी। संशोधित बजट घोषणा के अन्तर्गत इस पर अनुमानित 160 करोड़ रूपये का व्यय होगा।

राजसेस महाविद्यालयों में भर्तियों से विद्यार्थियों को मिलेगी बेहतर शिक्षा- 

उप मुख्यमंत्री डॉ. बैरवा ने बताया कि प्रदेश में राजस्थान कॉलेज एजुकेशन सोसाइटी (राजसेस) का गठन गत सरकार के समय वर्ष 2020 में किया गया था और इसके अंतर्गत 374 महाविद्यालय संचालित हैं। राजसेस के अन्तर्गत संचालित इन महाविद्यालयों में कुल 10,594 पद हैं, जिनमें 5,299 शैक्षणिक तथा 5,295 अशैक्षणिक पद हैं। ये सभी पद वर्तमान में रिक्त हैं तथा शिक्षण कार्य विद्या संबल द्वारा करवाया जा रहा है। 

उन्होंने बताया कि राजसेस महाविद्यालयों में शिक्षण व्यवस्था बेहतर बनाने के लिए 4,724 शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक संविदा पदों पर भर्ती की जाएगी। 3,540 शैक्षणिक पदों पर यूजीसी मापदंडों के अनुरूप योग्य अभ्यर्थियों का नेट/स्लेट/सेट/पीएचडी के माध्यम से भर्ती करने पर विचार किया जा रहा है। इन सभी पदों पर भर्ती के माध्यम से हायर किए जाने वाले कार्मिकों का सेवाकाल 5 वर्ष रहेगा। इन पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा पैटर्न तय करने एवं भर्ती एजेंसी के निर्धारण तथा राजसेस हायरिंग ऑफ मैनपावर रूल्स 2023 में संशोधन की संभावना पर भी विचार किया जा रहा है।

सीवरेज एवं अपशिष्ट जल नीति-2016 में संशोधन-

डॉ. बैरवा ने बताया कि प्रदूषित जल से होने वाले पर्यावरण प्रदूषण और स्वास्थ्य सम्बन्धी दुष्प्रभावों से बचाव के लिए प्रदेश में सीवरेज एवं अपशिष्ट जल नीति-2016 में संशोधन को कैबिनेट में मंजूरी दी गई है। यह संशोधित नीति स्वच्छ भारत मिशन की अवधारणा के अनुरूप सुव्यवस्थित सीवरेज सिस्टम बनाकर सभी घरों को उससे जोड़ने में सहायक सिद्ध होगी।

उन्होंनेे बताया कि राज्य सरकार की मंशा है कि वर्षा के अलावा कोई पानी नाली अथवा सड़कों पर नहीं बहे। पुराने सीवरेज नेटवर्क के कारण इसे पूरा करने में आ रही समस्याओं को देखते हुए इस नीति में संशोधन की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। अपशिष्ट जल प्रबंधन क्षेत्र में तकनीकी बदलाव एवं नवाचारों और विभिन्न विभागों से प्राप्त सुझावों को समाहित करते हुए को राज्य सीवरेज एवं अपशिष्ट जल नीति-2016 का संशोधित प्रारूप तैयार किया गया है। उन्होंने बताया कि संशोधित नीति के माध्यम से राज्य के सभी नगरीय निकायों में सीवरेज व्यवस्था स्थापित कर उसका प्रभावी उपयोग एवं सर्कुलर इकॉनोमी के सिद्धांत पर कार्य करते हुए सीवेज शोधन उपरान्त प्राप्त जल, खाद, गैस आदि का पुनः उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा। 

उन्होंने बताया कि संशोधित नीति में नमामि गंगे परियोजनाओं के अनुरूप हैम मॉडल को अपनाया गया है। इसमें कुल परियोजना लागत की 40 प्रतिशत राशि कार्य समाप्ति एवं शेष 60 प्रतिशत राशि संचालन-संधारण समयावधि में समान किश्तों में प्राइवेट पार्टनर को दी जाएगी। 

राजस्थान विधिविरूद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक-2025-

विधि एवं विधिक कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि प्रलोभन अथवा कपटपूर्वक धर्मान्तरण (Conversion) के प्रयासों को रोकने के लिए राजस्थान विधिविरूद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक-2025 विधानसभा में लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी राज्य में अवैध रूप से धर्मान्तरण को रोकने के सम्बन्ध में कोई विशिष्ट कानून नहीं है, इसलिए राजस्थान विधिविरूद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक-2025 को पिछले सत्र में विधानसभा में लाया गया था। अब इस विधेयक को वापस लेकर इसमंे और कठोर प्रावधान करते हुए राजस्थान विधिविरूद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक-2025 का नया प्रारूप विधानसभा के आगामी सत्र में पेश किया जाएगा। मंत्रिमण्डल की बैठक में इस विधेयक के नये प्रारूप का अनुमोदन किया गया। 

उन्होंने बताया कि इस विधेयक के कानून बनने के उपरान्त कोई व्यक्ति या संस्था, किसी व्यक्ति पर मिथ्या निरूपण, कपटपूर्वक, बलपूर्वक, अनुचित प्रभाव आदि का प्रयोग कर धर्म परिवर्तन नहीं करवा सकेंगे। अगर कोई व्यक्ति अथवा संस्था ऐसा कृत्य करते हैं, तो उन्हें कठोर दण्ड दिया जाएगा। अगर कोई व्यक्ति केवल विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन कराने के उद्देश्य से विवाह करता है, तो ऐसा विवाह शून्य होगा। इस विधि में अपराध गैर-जमानती व संज्ञेय होंगे। 

उन्होंने कहा कि प्रस्तावित विधेयक में मूल पैतृक धर्म में वापसी को धर्म परिवर्तन की परिभाषा में सम्मिलित नहीं किया गया है। अवैध धर्मान्तरण पर न्यूनतम 7 वर्ष एवं अधिकतम 14 वर्ष के कारावास एवं न्यूनतम 5 लाख रूपये का जुर्माना, नाबालिग, दिव्यांग, महिला, एससी, एसटी वर्ग के पीड़ित के विरूद्ध ऐसा अपराध करने पर न्यूनतम 10 वर्ष एवं अधिकतम 20 वर्ष के कारावास एवं न्यूनतम 10 लाख रूपये का जुर्माना, सामूहिक धर्म परिवर्तन पर न्यूनतम 20 वर्ष एवं अधिकतम आजीवन कारावास एवं न्यूनतम 25 लाख रूपये के जुर्माने का प्रावधान प्रस्तावित किया गया है। धर्म परिवर्तन के लिए विदेशी संस्थान एवं अवैध संस्थान से धन प्राप्त करने पर न्यूनतम 10 वर्ष एवं अधिकतम 20 वर्ष के कारावास एवं न्यूनतम 20 लाख रूपये जुर्माना प्रस्तावित किया गया है। भय, बल, विवाह का वादा, विवाह, नाबालिग, महिला अवैध व्यापार जैसे अपराधों के लिए न्यूनतम 20 वर्ष एवं अधिकतम आजीवन कारावास एवं न्यूनतम 30 लाख रूपये का जुर्माने का प्रावधान प्रस्तावित है। 

उन्होंने बताया कि विधेयक में अपराध की पुनरावृति पर आजीवन कारावास तक सजा एवं न्यूनतम 50 लाख रूपये का जुर्माना, अवैध धर्मान्तरण में लिप्त संस्था का रजिस्ट्रेशन रद्द करने, राज्य सरकार द्वारा ग्राण्ट बंद किए जाने, जिस स्थान पर अवैध धर्म परिवर्तन हुआ है उस सम्पत्ति की जांच के पश्चात जब्ती अथवा गिराए जाने का प्रावधान प्रस्तावित किया गया है। इस प्रस्तावित कानून में सबूत का भार उस व्यक्ति पर होगा जिसने धर्म परिवर्तन करवाया है। 

राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के सेवा नियमों को मंजूरी-

पटेल ने बताया कि राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के मंत्रालयिक एवं अधीनस्थ सेवा संवर्ग के पदों पर भर्ती के लिए वर्ष 2014 में राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड का गठन किया गया था, लेकिन सेवा नियम अब तक नहीं बनाए गए थे। मंत्रिमंडल की बैठक में बोर्ड के अधिकारियों और कर्मचारियों हेतु नए सेवा नियम राजस्थान स्टाफ सिलेक्शन बोर्ड (गैज़ेटेड स्टाफ) सर्विस रूल्स, 2025 एवं राजस्थान स्टाफ सिलेक्शन बोर्ड (मिनिस्टीरियल एंड सबऑर्डिनेट सर्विसेज) रूल्स, 2025 बनाए जाने के साथ ही राजस्थान सबऑर्डिनेट एंड मिनिस्टीरियल सर्विसेज (कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट) रूल्स, 2022 में संशोधन का अनुमोदन किया गया। इन नियमों के लागू होने के बाद बोर्ड में नियमित कार्मिकों की भर्ती का मार्ग प्रशस्त होगा, जिससे बोर्ड का कार्य सुचारू एवं प्रभावी ढंग से संचालित हो सकेगा।

विभिन्न संवर्गों में पदोन्नति के अवसरों में वृद्धि-

उन्होंने बताया कि राजस्थान लोक सेवा आयोग में अन्वेषणकर्ता (सांख्यिकी सहायक) पद का पदनाम एवं पे-लेवल आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के अनुसार सहायक सांख्यिकी अधिकारी के अनुरूप करने, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पद का संशोधित पे-लेवल पूर्व में एल-2 निर्धारित करने के कारण इस पद से पदोन्नति के पद जैसे दफ्तरी, रिकॉर्ड लिफ्टर तथा लेबोरेट्री ब्वॉय का पे-लेवल संशोधित कर एल-3 किए जाने तथा कारागार विभाग में वरिष्ठ प्रहरी के पद को विलोपित किए जाने की मंजूरी भी मंत्रिमंडल में दी गई। इसके लिए राजस्थान सिविल सेवा (पुनरीक्षित वेतन) नियम-2017 की अनुसूची-।। में आवश्यक संशोधन किए जाएंगे।

उन्होंने बताया कि राजस्थान राज्य कृषि विपणन सेवा नियम, 1986 की वर्तमान अनुसूची में अतिरिक्त निदेशक का पद सम्मिलित नहीं होने के कारण अनुसूची में संशोधन कर इस पद को सम्मिलित किया जाएगा। साथ ही, इस सेवा में उप निदेशक एवं सहायक निदेशक के पद सौ प्रतिशत पदोन्नति से भरे जाने  के कारण उनकी अनुसूची में अंकित सीधी भर्ती की न्यूनतम अर्हताएं एवं अधिकतम आयु सीमा की प्रविष्टियों को हटाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि भू-जल विभाग में पदोन्नति के अतिरिक्त अवसर उपलब्ध कराने और विभागीय आवश्यकता को देखते हुए अधीक्षण भू-भौतिकविद् एवं अधीक्षण रसायनज्ञ के एक-एक नए पद सृजित किए गए हैं। इसके लिए राजस्थान भू-जल सेवा नियम, 1969 में संशोधन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। 

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *