नेशनल हैण्डलूम वीक-2023: नेशनल हैण्डलूम वीक-2023 का हुआ उद्घाटन; राज्य के हैण्डलूम उत्पादों को मिल रही विश्व स्तरीय पहचान – मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से नेशनल हैण्डलूम वीक-2023 (National Handloom Week-2023) के उद्घाटन समारोह को संबोधित किया।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से नेशनल हैण्डलूम वीक-2023 (National Handloom Week-2023) के उद्घाटन समारोह को संबोधित किया।

जयपुर । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से नेशनल हैण्डलूम वीक-2023 (National Handloom Week-2023) के उद्घाटन समारोह को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि राज्य के हैण्डलूम उत्पाद यहां की संस्कृति, विरासत और इतिहास को दर्शाते हैं। स्वतंत्रता संग्राम में भी हथकरघा एवं खादी की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इन उत्पादों को विश्व स्तरीय पहचान दिलाने और एक बेहतर मंच दिए जाने के लिए प्रदेश में इस तरह का पहली बार आयोजन किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हथकरघा कारीगरों की आमदनी बढ़ाने तथा उनके उत्थान के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। इसी क्रम में एमएसएमई नीति-2022 में यह प्रावधान किया था कि इस प्रकार का आयोजन प्रतिवर्ष किया जायेगा। इससे राज्य के हैण्डलूम उत्पादों के प्रति राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर खरीददार आकर्षित होंगे। साथ ही, राज्य के हथकरघा बुनकरों व खादी के विभिन्न उत्पादों को प्रोत्साहित किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि यहां देश के विभिन्न राज्यों से हस्तशिल्पी और दस्तकार अपनी कलाकृृतियों का प्रदर्शन और विक्रय कर सकेंगे। यह आयोजन मार्केटिंग की दृृष्टि से बेहतर अवसर साबित होगा।

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सकारात्मक नीतियों से हो रही बेहतर मार्केटिंग:

मुख्यमंत्री (Chief Minister) ने कहा कि हस्तशिल्प और हथकरघा क्षेत्र के उत्पादों और उनसे जुड़े दस्तकारों के उत्थान के लिए राजस्थान की प्रथम हस्तशिल्प नीति-2022 जारी की गई है। इससे हस्तशिल्पियों और बुनकरों के उत्थान के लिए बेहतर मार्केटिंग, परम्परागत और विलुप्त होती कलाओं को पुनर्जीवित करने, उत्पादों को निर्यात योग्य बनाने और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने, हस्तशिल्पियों और बुनकरों की राज्य के विकास में भागीदारी सुनिश्चित करने और रोजगार के नए अवसर सृजित करना संभव होगा। इस नीति से राज्य में हैण्डलूम क्षेत्र में लगभग 50 हजार रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।

औद्योगिक विकास से बढ़ रहा निवेश, रोजगार:

गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले साढे़ चार सालों में औद्योगिक विकास, अधिक निवेश और रोजगार व स्वरोजगार से संबंधित बेहतरीन कार्य किए हैं। हमारी नीतियों और योजनाओं की सम्पूर्ण देश में प्रशंसा की जा रही है। उन्होंने कहा कि राजस्थान सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम अधिनियम (MSME Act) के तहत पंजीकरण स्वीकृतियों और निरीक्षणों से मुक्त अवधि को 3 वर्षों से बढ़ाकर 5 वर्ष कर दिया गया है। वन स्टॉप शॉप, रिप्स-2019, रिप्स-2022, मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना जैसे निर्णयों के दूरगामी परिणाम राज्य के हित में आएंगे।

राज्य की जीडीपी होगी 15 लाख करोड़ रूपए:

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी तथा विषम आर्थिक परिस्थितियों के बावजूद राज्य की आर्थिक विकास दर 11.04 प्रतिशत के साथ देश में दूसरे स्थान पर है। उन्होंने कहा कि पिछले चार सालों में प्रदेश की जीडीपी में 6 लाख करोड़ रूपये की वृद्धि हुई है। राज्य सरकार के उत्कृष्ट आर्थिक प्रबंधन का ही परिणाम है कि राज्य की कुल जीडीपी जल्द 15 लाख करोड़ रूपये होगी। गहलोत ने कहा कि राज्य के प्रत्येक ब्लॉक में रीको औद्योगिक क्षेत्र स्थापित हो रहे हैं, जिससे स्थानीय स्तर पर ही रोजगार के अवसर सृजित होंगे। राज्य सरकार द्वारा ईवी, सोलर, विंड, हाइब्रिड एनर्जी, एग्रो बिजनेस, टूरिज्म, इको टूरिज्म, रूरल टूरिज्म सहित विभिन्न नीतियों का क्रियान्वयन किया जा रहा है। औद्योगिक संस्थानों की सुरक्षा के लिए राजस्थान इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (आरआईएसएफ) का गठन भी किया गया है।

बुनकरों के उत्थान के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध:

उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री (Industries and Commerce Minister) शकुंतला रावत ने कहा कि बुनकरों की आबादी में लगभग 85 प्रतिशत अनुसूचित जाति और अल्पसंख्यक समुदाय के लोग हैं। इनके उत्थान के लिए सरकार का उद्योग एवं वाणिज्य विभाग, राजस्थान हथकरघा विकास निगम, बुनकर संघ, खादी बोर्ड, रुड़ा आदि के माध्यम से कई योजनाएं और कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा विश्वकर्मा कामगार कल्याण योजना-2023 (Vishwakarma Kamgar Kalyan Yojana-2023) लागू की गई है। इसके अन्तर्गत महिलाओं, कामगार, हस्तशिल्पी, केश कला, माटी कला के दस्तकार और घुमन्तु वर्ग के 1 लाख युवाओं को स्वयं का रोजगार शुरू करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है।

नेशनल हैण्डलूम वीक-2023 (National Handloom Week-2023):

अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग वीनू गुप्ता ने कहा कि राज्य में हथकरघा और खादी उत्पादों के लिए स्थाई मार्केटिंग की व्यवस्था के लिए सीधे क्रय करने वाली कंपनियों, बायिंग एजेंट, रिटेलर एसोसिएशन, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की मार्केटिंग कंपनियों को नेशनल हैण्डलूूम वीक-2023 (National Handloom Week-2023) में आमंत्रित किया गया है। इसमें 80 स्टॉल्स लगाई जा रही हैं, जिसमें 70 स्टॉल्स में राज्य के खादी और हथकरघा के उत्पादों तथा 10 स्टॉल्स में अन्य राज्य के बुनकरों के उत्कृष्ट उत्पादों का विक्रय और प्रदर्शन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि नेशनल हैण्डलूम वीक (National Handloom Week-2023) के दौरान बायर-सेलर मीट, प्रदर्शनी, थीम पैवेलियन, टॉक शो, क्विज प्रतियोगिता, वर्कशॉप और सेमिनार के साथ-साथ राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में ‘फैशन शो’ का आयोजन भी किया जाएगा।

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